आरओडीटीईपी स्कीम में शामिल करते हुए भारतीय तंबाकू के निर्यात को प्रोत्साहित करने मांग

                               


सिगरेट के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए एफएआईएफए ने वित्त मंत्री से तंबाकू पर संतुलित कराधान की अपील की


नई दिल्ली : भारत के विभिन्न राज्यों में वाणिज्यिक फसलों के लाखों किसानों और खेत श्रमिकों के प्रतिनिधि गैर-लाभकारी संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसिएशंस (एफएआईएफए) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर देश में सिगरेट पर कराधान की व्यवस्था को ज्यादा व्यावहारिक बनाने की अपील की, क्योंकि यह सीधे तौर पर लाखों तंबाकू किसानों और कृषि श्रमिकों की आजीविका से जुड़ा मामला है।


केंद्रीय बजट 2020-21 में सिगरेट पर एनसीसीडी में प्रस्तावित वृद्धि को रेखांकित करते हुए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसिएशंस (एफएआईएफए) के प्रेसिडेंट श्री जावरे गौड़ा ने कहा, “कर में यह वृद्धि तस्करी कर लाए हुए सिगरेट के कारोबार को बढ़ावा देने वाली साबित होगी और घरेलू तंबाकू की मांग में कमी आएगी। डब्ल्यूएचओ के एकतरफा नियमन के साथ-साथ ऊंचे कराधान, तस्करी कर लाए हुए, अवैध एवं जाली सिगरेट के दबाव के कारण 2019-20 में देश में एफसीवी का उत्पादन 21 करोड़ किलोग्राम पर आ गया, जो 2013-14 में 32.5 करोड़ किलोग्राम रहा था। इससे एफसीवी तंबाकू उत्पादों को कुल 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भारत में अवैध सिगरेट कारोबार लगातार बढ़ रहा है। 2005 के 12.5 अरब स्टिक की तुलना में 2018 में इसका कारोबार दोगुना होकर 26.5 अरब स्टिक पर पहुंच गया। इस समय भारत अवैध सिगरेट के मामले में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार हैसिगरेट पर टैक्स की मौजूदा दरों के आधार पर गणना की जाए तो अवैध सिगरेट कारोबार के कारण सरकार को 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।


श्री जावरे गौड़ा ने आगे कहा, "कई रिप्रजेंटेशन के जरिये हमारी वास्तविक स्थिति से अवगत कराए जाने के बाद हम सरकार की ओर से एनसीसीडी में ऐसी किसी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर रहे थे। इन रिप्रजेंटेशन में फसल नष्ट हो जाने और साथ ही तस्करी कर लाए हुए एवं अवैध सिगरेट बाजार के कारण एफसीवी तंबाकू किसानों को होने वाले नुकसान तथा किसानों की संघर्षपूर्ण स्थिति की जमीनी हकीकत से सरकार को अवगत कराया गया था। काफी हद तक असंगठित सेक्टर जैसे बीड़ी उद्योग पर टैक्स का कोई दबाव नहीं है।”


एफएआईएफए ने भारत सरकार से तंबाकू को निर्यात उत्पादों पर ड्यूटी या टैक्स में छूट (आरओडीटीईपी) स्कीम में शामिल करने और प्रमोशन स्कीमों के माध्यम से इसके निर्यात को बढ़ावा देने की अपील की है। भारत सरकार ने तंबाकू निर्यात पर मिलने वाले इनसेंटिव खत्म कर दिए हैं, जिससे वैश्विक बाजार में भारतीय उद्योगों की प्रतिस्पर्धी क्षमता कम हो गई है। वहीं जिंबाब्वे, मालावी आदि जैसे देश इनसेंटिव व सब्सिडी देकर अपने तंबाकू किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।


करों में वृद्धि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इस साल बेमौसम बरसात और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे एफसीवी तंबाकू उत्पादक किसानों के लिए बड़ा झटका है। सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी में बेतहाशा वृद्धि से वैध सिगरेट उत्पादन कम होगा और इससे घरेलू विनिर्माताओं द्वारा तंबाकू की खरीद कम होगी, कीमतों पर प्रभाव पड़ेगा और किसानों की कमाई कम होगी तथा तनाव और बढ़ेगा।