जगन्नाथ निवागुने &TV के शो ‘महानायक-डाॅ. बी. आर. अंबेड़कर’ में रामजी अंबेड़कर के किरदार में

जगन्नाथ निवागुने ने &TV के शो 'महानायक-डाॅ. बी. आर. अंबेड़कर' में रामजी अंबेड़कर की भूमिका निभाने के लिये काफी रिसर्च की



'डाॅ. बी. आर. अंबेड़कर', एक ऐसे इंसान की कहानी है जिनकी अछूतों के उत्थान से संबंधित उपलब्धियों और संघर्षों के बारे में काफी सारे मंचों से बताया गया है। पहली बार हिन्दी टेलीविजन पर उनकी कहानी को एक नये नजरिये के साथ पेश किया जा रहा है, क्योंकि &TV का शो 'एक महानायक- डाॅ. बी.आर अंबेड़कर' उस महान व्यक्ति के आदर्शों और उसूलों को सामने लाने का प्रयास है। उनके ये आदर्श और उसूल समय से काफी आगे के थे, जिन्हें आज के आधुनिक भारत में भी प्रयोग किया जाता है और सिखाया जाता है। एक समाजविद्, अर्थशास्त्री और महान लीडर के सफर पर ले जाने के दौरान, उनके लगातार सहयोग और प्रेरणा रहे उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल, के महत्व को भी उजागर किया गया है। इस शो में जगन्नाथ निवागुने को इस पूर्व पीढ़ी की भूमिका को निभाने के लिये लिया गया है। अपनी इस बड़ी भूमिका की तैयारी के लिये लिये जगन्नाथ ने अंबेडर की जीवन के बारे में जानने का फैसला किया, ताकि उन्हें अपने किरदार की महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानने में मदद मिल सके। 


बाबासाहब के बचपन के दिनों में रामजी अंबेड़कर उनके बहुत बड़े सपोर्ट सिस्टम रहे हैं।  अपने जीवन के मुश्किल दौर में अपने बेटे को सबसे अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने में अंबेड़कर के जीवन में इस इंसान के महत्व के बारे में और बाद में इन दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता होता है उसके बारे में बहुत कम रोशनी डाली गयी है। भारतीय लीडर्स को फिल्मों और किताबों के माध्यम से कई तरह से पेश किया गया है, उन्हीं में से एक चंगदेव भवनाव खैरमोड की लिखी किताब 'डाॅ. बाबासहेब अंबेड़कर' है। इस किताब में रामजी के जीवन और डाॅ. अंबेड़कर के जीवन में उनके प्रभाव के बारे बताया गया है। अलग-अलग कहानियों का विस्तार से अध्ययन करने वाली इस किताब ने जगन्नाथ को रामजी अंबेड़कर को समझने में काफी मदद की, उनके तौर-तरीकों, उनके परिवार के जीवन और भीमराव के साथ उनके रिश्ते को समझने में मदद की। 


अपने किरदार और उसकी तैयारी के बारे में जगन्नाथ ने कहा, ''रामजी, अंबेड़कर के रूप में एक ऐसे पात्र को प्रेरित कर रहे हैं, जिनकी कहानी के बारे में बाद से तुलना की जाये तो बहुत कम लोगों को पता था। मुझे ऐसा लगता था कि मैं अंबेड़कर के जीवन के बारे में सबकुछ जानता हूं और मुझे इसके लिये ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं। लेकिन मुझे अहसास हुआ कि रामजी का किरदार मेरे लिये अनजाना था। बाबासाहब के जीवन में रामजी के होने के अर्थ के बारे में किताबों में भी बहुत नहीं लिखा गया है और यह जो किताब मेरे हाथ लगी है वह उनके बीच के रिश्ते को काफी विस्तार से बताती है। इस किताब को पढ़ने से पहले मैंने कई सारी कहानियां और किताबें पढ़ीं। मेरा ऐसा मानना है कि यह दर्शकों के लिये एक शानदार सफर होने वाला है।'' 
 
यह शो 'मसीहा आफ अनटचेबल' की परिवर्तनकारी वास्तविक कहानी प्रस्तुत करने को तैयार है कि किस तरह 5 साल की छोटी-सी उम्र में ही उनके अंदर क्रांति के बीज पल रहे थे। आगे चलकर वह सामाजिक सुधार करने की दिशा में बढ़ें, जिससे भारतीय संविधान का निर्माण संभव हो पाया।


'एक महानायक- डाॅ. बी.आर. अंबेड़कर' जल्द आ रहा है &TV पर