आरबी बीएसआई अभियान ने छः सालों में 14 मिलियन लोगों की जिंदगी में सुधार लाया

एसडीजी 17 पार्टनरशिप्स पर विशेष बल देते हुए सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) के लिए भारत के प्रयासों में योगदान देने के लिए भारत में स्वास्थ्य, हाईजीन एवं न्यूट्रिशन सेंसिटिव कार्यों द्वारा 50 प्रतिशत जिलों को कवर करते हुए 30 मिलियन लोगों तक पहुंचने के उद्देश्य से सामाजिक निवेश 10 मिलियन पाउंड से बढ़ाकर 20 मिलियन पाउंड करने का संकल्प लिया।



नई दिल्ली :  दुनिया की अग्रणी कंज्यूमर हैल्थ एवं हाईजीन कंपनी, रेकिट बेंकाईज़र ने अपने फ्लैगशिप बीएसआई कैम्पेन के साथ मौजूदा कोविड-19 महामारी से लड़ाई में हाईजीन व हैल्थ के प्रयासों में मदद करने के लिए अपना सामाजिक निवेश 10 मिलियन पाउंड से बढ़ाकर 20 मिलियन पाउंड करने का संकल्प लिया। पिछले छः सालों में यह अभियान भारत में 14 मिलियन लोगों को लाभान्वित कर चुका है। अभियान के एम्बेसडर, अमिताभ बच्चन के साथ इस साल यह अभियान भारतीयों को खुद की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा ताकि एक सुरक्षत भविष्य सुनिश्चित हो।


कोरोना महामारी ने हैल्थकेयर के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव ला दिया है। हैल्थ, हाईजीन एवं सैनिटेशन लोगों की जिंदगी में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मूवमेंट द्वारा शुरू किए गए नेशनल डिजिटल हैल्थ मिशन (एनडीएचएम) के अनुरूप, आरबी बीएसआई अगले कुछ सालों में अंतिम छोर तक हैल्थ एवं हाईजीन पहुंचाने के लिए मजबूत सुधार करेगा। ये अभियान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, उचित सैनिटाईजेशन एवं पर्याप्त पोषण पर केंद्रित होंगे तथा सतत विधियों द्वारा पर्यावरण की रक्षा करेंगे। यह अभियान कोरोना महामारी के बीच गंभीर होती मौजूदा पर्यावरण की परिस्थितियों को बनाए रखते हुए सतत विधियां प्रदान करने पर केंद्रित है। डेटॉल 100 प्रतिशत रिसाईकल्ड बोतल के लॉन्च के साथ डेटॉल हैंडवॉश की बोतल में जर्म प्रोटेक्शन के साथ उन उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है, जो पयोवरण का ध्यान रखते है।


पिछले साल हमारा अभियान 'स्वच्छ से स्वस्थ' की ओर बढ़ा। इस अभियान में माता व शिशु के पोषण के साथ स्वास्थ्य पर केंद्रण था। इस साल कोविड-19 फैलने के साथ केंद्रण तीन स्तंभों - हैल्थ, हाईजीन एवं पर्यावरण की ओर हो गया, जो मिलकर दुनिया को सुरक्षत रख सकते हैं


इस बारे में आरबी के सीईओ, लक्ष्मण नरसिम्हन ने कहा, “पिछले छः सालों से डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया ने 14 मिलियन भारतीयों के लिए बेहतर हाईजीन व सैनिटेशन प्रक्रियाओं के लिए व्यवहार में परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भमिका निभाई है। कोविड-19 ने हैल्थकेयर के ढांचे के विकास की ओर सरकार का ध्यान उत्पन्न किया है। यह स्पष्ट है कि कोरोना महामारी ने न केवल हैल्थ एवं हाईज़ीन के तरीके में परिवर्तन लाया है, अपितु सरकार, उद्योग एवं समाज द्वारा इसके दृष्टिकोण को भी बदल दिया है। सैल्फकेयर हैल्थ एवं हाईज़ीन विधियों को प्रोत्साहित करने के लिए हम भारतीयों के लिए हैल्दिली ऐप लॉन्च कर रहे हैं।"


उन्होंने कहा, “हम 'ट्रेनिंग द ट्रेनर' के विचार के साथ एक सुरक्षत भविष्य के लिए आत्मनिर्भरता की विधियों का प्रसार कर रहे हैं। बेहतर डिजिटल टूल्स व टेक्नॉलॉजी द्वारा फ्रंटलाईन कर्मियों, टीचर्स एवं बच्चों को प्रिवेंटिव व प्राईमरी केयर में समर्थ बनाकर परिस्थितियों में परिवर्तन लाया जा सकता है। हमें इसके साथ ज्ञान का प्रसार भी करना होगा।"


व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए बीएसआई डेटॉल हाईजीन स्कूल प्रोग्राम की पहुंच को दोगुना करेगा और 'कोविड-19 की तैयारी व हाईज़ीन की भूमिका' पर केंद्रित रहते हुए 5 मिलियन स्कूली टीचर्स को प्रशिक्षत करेगा।


कोविड-19 की प्रतिक्रिया को आगे बढ़ाते हुए डेटॉल बीएसआई नई विकसित की गई स्कूल रिओपनिंग किट प्रदान करेगा ताकि स्कूल बच्चों को सुरक्षत वातावरण प्रदान कर सकें। इस किट में स्कूलों को दोबारा खुलने के लिए पाठ्य सामग्री एवं दिशानिर्देशों के साथ मास्क, सैनिटाईज़र एवं अन्य टूल्स हैं, जो बच्चों को कोविड-19 से डरे बिना पढ़ने में समर्थ बनाएंगे। पहले चरण में यह किट देश में 1 मिलियन से ज्यादा स्कूली बच्चों को लाभान्वित करेगी


डेटॉल हाईजीन इंपैक्ट बॉन्ड अगले तीन सालों में उत्तर प्रदेश में 2.5 मिलियन बच्चों के बीच डायरिया के मामलों में कमी लाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के 8 राज्यों में 14 मिलियन बच्चों तक पहुंचना एवं स्कूलों को कोविड-19 के लिए तैयार रहने में मदद करने के लिए नीतिगत सहायता व ढांचागत सहयोग के माध्यम से बेहतर हैल्थ एवं सैनिटाईजेशन विधियां प्रदान करना है। 


हमारे पास न्यूट्रिशन इंपैक्ट बॉन्ड है। यह कार्यक्रम अगले चार सालों में भारत के 1000 गांवों में जाकर कुपोषित बच्चों की 1,77,000 माताओं तक पहुंचेगा। इसका उद्देश्य पाँच साल के कम उम्र के कुपोषित बच्चों की संख्या में 40 प्रतिशत की कमी लाना है तथा बच्चों का बचपन खोने की घटनाओं को घटाकर 5 प्रतिशत से कम करना है।


अन्य प्रयासों में बीएसआई अभियान उत्तर पूर्व के 7 राज्यों में एडोलेसेंट सैक्सुअल रिप्रोडक्टिव हैल्थ (एएसआरएच) पर केंद्रित होकर पाँच सबसे बड़े रेड लाईट क्षेत्रों/जिलों में सुरक्षित सैक्स की शिक्षा बढ़ाएगाइसका उद्देश्य देश के 23 राज्यों में एलजीबीटीक्यू समुदाय के 1 मिलियन से ज्यादा लोगों तक पहुंचना तथा स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य व सेहत, समुदाय को मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयासों के साथ ऑनलाईन एवं ऑफलाईन अभियानों द्वारा उन्हें सशक्त बनाना है। साथ ही एक विस्तृत सैक्सुअलिटी एजुकेशन प्रोग्राम, बीबीटी सात उत्तर पूर्वी राज्यों में 2 मिलियन से ज्यादा एडोलेसेंट (किशोर-किशोरियों) बच्चों को लाभान्वित करेगा।


स्वच्छता दिवस, यानि 2 अक्टूबर, 2020 के अवसर पर आरबी ने 12 घंटे लंबे टेलीथॉन, स्वास्थ्यमंत्रा में सेहतमंद भारत के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। इसकी मेजबानी बॉलिवुड अभिनेता, अमिताभ बच्चन ने की। इस वार्ता में निम्नलिखित विषय उठाए गए:  डेटॉल बीएसआई द्वारा पिछले छः सालों में उत्पन्न प्रभाव


डेटॉल डेटॉल हाईजीन करिकुलम : इस पाठ्यक्रम ने 8 राज्यों, 40 जिलों, 256 ब्लॉक एवं 6,50,000 स्कूली बच्चों के बीच जाकर 13 मिलियन स्कूली बच्चों को हाईजीन की विधियों के बारे में बताकर उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया। इसका केंद्रण थाः 0 डायरिया के मामलों में 14.2 प्रतिशत की कमी लाना। 0 स्कूल की उपस्थिति में 17 प्रतिशत का सुधार० स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के तहत 250 से ज्यादा डेटॉल सपोर्टेड स्कूलों को पुरस्कृत किया गया।


 सैक्सुअल सेहत : इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के 23 राज्यों में 1 मिलियन से ज्यादा एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लोगों तक पहुंचना है। * एचआईवी/एसटीआई सेल्फ रिस्क असेसमेंट, काउंसलिंग, केयर एवं सपोर्ट प्रक्रिया के लिए गुणवत्तायुक्त सेवाएं व टेक्नॉलॉजी। * भारत सरकार एवं एलजीबीटीक्यू+ नेटवर्क्स के साथ साझेदारी। भारत के 7 उत्तरपूर्वी राज्यों में विस्तृत सैक्सुअल एजुकेशन प्रोग्राम के माध्यम से 2 मिलियन स्कूली बच्चों तक पहुंचा गया। 7 उत्तरपूर्वी राज्यों में विस्तृत सैक्सुअल एजुकेशन प्रोग्राम।


न्यूट्रिशन इंडिया प्रोग्राम : 2018 में आरबी महाराष्ट्र न्यूट्रिशन प्रोग्राम लॉन्च किया गया, ताकि नंदरबार व अमरावती जिलों में स्थित गांवों में पोषण की स्थिति में सुधार लाया जा सके० बीएसआई एनआईपी ने महाराष्ट्र के अमरावती और नंदरबार जिलों में 0 से 5 साल के 6,500 बच्चों को कुपोषण से बचाया0 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 7.4 प्रतिशत की कमी आई।


आरबी-बीएसआई इस समय अपने सभी अभियानों के माध्यम से 25 से ज्यादा पार्टनर्स के साथ काम कर रहा है, ताकि बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके।