भारत में करीब 80 प्रतिशत उपभोक्ता इस बात से सहमत हैं कि दरसंचार सेवाओं से उन्हें अपने परिवार और मित्रों से जुड़े रहने, ऑनलाइन शिक्षा हासिल करने और घर बैठे नौकरी की जिम्मेदारियां पूरी करने में मदद मिली- एरिक्सन कंज्यूमर लैब स्टडी
नयी दिल्ली : सीओएआई-आईएमसी और एरिक्सन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार में यह बात सामने आई कि भारतीय उपभोक्ता “अच्छी चीजें साझा करने के लिए मोबाइल डेटा के उपयोग में दूरसंचार कंपनियों को विश्वसनीय इकाइयों के तौर पर देखते हैं। इस रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि 60 वर्ष से अधिक आयु और भारत में कोविड-19 के प्रकोप से सबसे अधिक प्रभावित लोगों में 89 प्रतिशत इस बात से सहमत हैं कि वीडियो कॉलिंग से उन्हें इस संकट के दौरान अपने परिवार और मित्रों के संपर्क में बने रहने में मदद मिली
इस रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में आईसीटी के लचीलेपन से उपभोक्ताओं को संकट पर नजर रखने में मदद मिली और यह सिद्ध हुआ कि यातायात बढ़ने के बावजूद दूरसंचार नेटवर्क मजबूत बना रहा। इस रिपोर्ट के मुताबिक
- भारत में 77 प्रतिशत अभिभावकों का कहना है कि आईसीटी की मदद से बच्चों को घर बैठे शिक्षा मिल रही है।
* भारत में फिक्स्ड ब्रॉडबैंक से जुड़े नेटवर्क पर खर्च औसत समय दो घंटे प्रतिदिन बढ़ा है और 4 जी नेटवर्क से जुड़े लोगों के लिए भी औसत समय दो घंटे प्रतिदिन बढ़ा है।
* भारत में 71 प्रतिशत लोग फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के निष्पादन से बहुत संतुष्ट थे, जबकि 66 प्रतिशत लोगों का कहना है कि मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क का निष्पादन इस संकट से पूर्व की तुलना में समान या बेहतर रहा। .
.* फिक्स्ड नेटवर्क पर सबसे अधिक यातायात बढ़ने के बावजद भारत में 65 प्रतिशत लोग मोबाइल ब्रॉडबैंड को वाईफाई के जितना ही महत्वपूर्ण मानते हैं।
भारत में, कोविड-19 महामारी के दौरान दैनिक जीवन की गतिविधियों और इसके बाद की गतिविधियों को सबसे अधिक प्रतिशत में प्रतिक्रिया मिली।
अस्सी प्रतिशत लोग इस बात से सहमत है कि कनेक्टिविटी और डिवाइस से उन्हें अपने परिवार और मित्रों के संपर्क में बने रहने में मदद मिली, जबकि 77 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इससे उन्हें अपने बच्चों की शिक्षा जारी रखने में मदद मिली और इतने ही प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे उन्हें घर से काम कर अपनी नौकरी की जिम्मेदारियां पूरी करने में मदद मिली। वहीं 75 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत दिखे कि इससे उन्हें अपने बच्चों को मनोरंजक गतिविधियों में मशगूल रखने में मदद मिली और 64 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दूरसंचार सेवाओं से वे अपना मानसिक स्वास्थ्य और सेहत सुधारने में मदद मिली
Source: Ericsson Consumer &IndustryLab, Keeping consumers connected during the COVID-19 pandemic, June 2020
इस रिपोर्ट के नतीजे सीओएआई-आईएमसी और एरिक्सन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वेबिनार में जारी किए गए। इस वेबिनार में एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के कार्यकारी संपादक और रणनीतिक विपणन के प्रमुख पैट्रिक सेरवॉल, एरिक्सन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मार्केट एरिया (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशनिया एवं भारत) के लिए नेटवर्क सॉल्यूशंस प्रमुख श्री नितिन बंसल, नेटवर्क सॉल्यूशंस प्रमुखस्ट्रैटेजिक नेटवर्क इवोल्यूशन मार्केट एरिया (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशनिया और भारत) डॉक्टर इर एनजी थिया सेंग ने प्रतिभाग किया। इस सत्र के सूत्रधार सीओएआई के महानिदेशक श्री राजन एस मैथ्यूज रहे।
इस वेबिनार के दौरान अपने विचार साझा करते हुए सीओएआई के महानिदेशक श्री राजन एस मैथ्यूज ने कहा, “हमें इस बात की बेहद खुशी है कि इस महामारी के दौरान दूरसंचार क्षेत्र ने जो अहम भूमिका अदा की उसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा और इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित एरिक्सन कंज्यूमर लैब की रिपोर्ट ने लोगों का ध्यान खींचा। दूरसंचार क्षेत्र ने देश की एक बड़ी आबादी को जोड़े रखा और देश इस चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। हम यह बात रेखांकित करना चाहेंगे कि भारत आने वाले वर्षों में 5जी की एक बड़ी क्रांति की दहलीज पर बैठा है। 5जी पर एरिक्सन की ओर से उपभोक्ता अंतर्दष्टि और सीख इस उद्योग के लिए अमूल्य होगा क्योंकि हम भारत में 5जी शुरू करने की तैयारी में हैं।"
एरिक्सन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मार्केट एरिया (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशनिया एवं भारत) के लिए नेटवर्क सॉल्यूशंस प्रमुख श्री नितिन बंसल ने कहा, "इस महामारी के दौरान दूरसंचार उद्योग ने जो भूमिका अदा की है, वह सच में प्रशंसनीय है और यह न केवल भारत के लिए, बल्कि यरोप, एशिया और अमेरिका जैसे अन्य सभी बाजारों के लिए सच है। यातायात और डेटा वृद्धि, उपनगरीय इलाकों की ओर यातायात वृद्धि जैसे रूख दूसरी जगहों पर भी देखने को मिले हैं। वर्तमान में पूरी दुनिया में एरिक्सन के 40 लाइव 5जी नेटवर्क हैं और हमारा अनुमान है कि वर्ष 2025 तक विश्व के मोबाइल डेटा ट्रैफिक का करीब आधा हिस्सा 5जी नेटवर्क पर होगा। भारत इस 5 जी क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत के मोबाइल सब्सक्रिप्शन में 2025 तक 5जी की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत होगी।"
भारत एक ऐसा क्षेत्र रहा है जहां प्रति माह प्रति स्मार्टफोन सबसे अधिक डेटा उपयोग है। कुल यातायात 2025 में तीन गुना होकर 21 ईबी प्रति माह पहुंचने का अनुमान है। भारतीय क्षेत्र में औसत मासिक मोबाइल डेटा उपयोग प्रति स्मार्टफोन निरंतर जबरदस्त ढंग से बढ़ रहा है जिसकी वजह लोगों द्वारा तेजी से 4जी को अंगीकार करना है। एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वर्ष 2025 में अतिरिक्त 41 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स बनने की संभावना है।
5जी और डिजिटलीकरण के मेल से सेवा प्रदाताओं के लिए अपने कारोबार को कनेक्टिविटी से परे ले जाकर उसका निर्माण और विस्तार करने के नए अवसरों का सृजन होगा। एरिक्सन्स 5जी फॉर बिजनेसः ए 2030 कंपास का अनुमान है कि वष 2030 तक सेवा प्रदाताओं द्वारा 5जी की मदद से 700 अरब डॉलर के कारोबार से कारोबार मूल्य का सृजन किया जा सकता है। भारत में विनिर्माण, ऑटोमोटिव, एंटरप्राइस , शिक्षा, स्वास्थ्य, जन सुरक्षा जैसे क्षेत्रों से 5जी समर्थित डिजिटलीकरण कारोबार का अनुमानित मूल्य वर्ष 2030 तक करीब 17 अरब डॉलर का होगा।I