आईटीसी 17 राज्यों में जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध करा रही पका भोजन, खाद्यान्न एवं हाइजीन एसेंशियल्स

आईटीसी के फूड बिजनेस ने बच्चों और बजुर्गों के लिए आशीर्वाद और सनफीस्ट के विशेष बॉक्स बनाए एवं आईटीसी होटल्स और आईटीसी पेपरबोर्ड्स डिवीजन भोजन और स्वच्छता से जुड़े उत्पाद बांट रहे



कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में आईटीसी की ओर से की जा रही विभिन्न पहल के तहत कंपनी 17 राज्यों में जरूरतमंद लोगों तक आवश्यक वस्तुएं जैसे आटा, नूडल्स, बिस्कुट एवं जूस तथा साबुन जैसे स्वच्छता से जुड़े उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासनों के साथ मिलकर काम कर रही है।


यह पहल फिलहाल पूरे जोर पर है और अब तक जिला प्रशासनों को 10 लाख सैवलॉन साबुन, 3 लाख पैकेट यिप्पी! नूडल्स, करीब छह लाख सनफीस्ट बिस्कुट और 1.5 लाख पैक बी नैचुरल फ्रूट जूस की आपूर्ति की जा चुकी है। कुछ हिस्सों में पुलिस प्रशासन ने अपने कर्मियों के लिए साबुन का अनुरोध किया था, उसकी भी आपूर्ति की जा चुकी है। पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में जिला स्वास्थ्य केंद्रों पर भी सैवलॉन साबुन उपलब्ध कराए गए हैं


आईटीसी ने इस महामारी के कारण समाज के सबसे ज्यादा प्रभावित और जरूरतमंद तबके की मदद के लिए 150 करोड़ रुपये का आकस्मिकता फंड भी बनाया है। इस संकट से निपटने की दिशा में सरकार के प्रयासों के समर्थन में आईटीसी ने पीएमकेयर्स फंड में भी 100 करोड़ रुपये की मदद का एलान किया है। आईटीसी फूड्स बच्चों और बुजुर्गों को खाद्य सामग्रियां बांट रही है :


आईटीसी फूड्स बच्चों और बुजुर्गों को खाद्य सामग्रियां बांट रही है : देशभर में बच्चों और बुजुर्गों की मदद के लिए आईटीसी फूड्स अपने 'आशीर्वाद बॉक्स ऑफ होप' और 'सनफीस्ट बॉक्स ऑफ हैप्पीनेस पहल के जरिये खाद्य पदार्थों की आपूर्ति कर रही है। मौजूदा लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों तक जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए निर्बाध नेटवर्क बनाने के लिए आईटीसी ने 3 अग्रणी एनजीओ से भी हाथ मिलाया है! राज्य सरकार की मदद से आईटीसी के फूड्स डिवीजन ने सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शुमार राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कुछ परिवारों तक करीब महीनेभर की जरूरत को पूरा करने के लिए 10 किलोग्राम आशीर्वाद आटा और बिंगो! जैसे कुछ स्नैक्स भी पहुंचाए हैं।


पके हुए भोजन की आपूर्ति : देशभर में प्रवासी कामगारों और जरूरतमंद लोगों तक पके हुए भोजन की तत्काल जरूरत को देखते हुए आईटीसी होटल और आईटीसी के कारखाने विभिन्न राज्यों की सरकारों को स्थानीय प्रशासन एवं अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से सक्रियता के साथ मदद दे रहे हैं। नई दिल्ली में आईटीसी मौर्या और शेरटन प्रवासी कामगारों में बांटने के लिए रोजाना 1500 से ज्यादा भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं। बेंगलुरु में आईटीसी गार्डेनिया ने नगर निगम को 15 दिन के लिए रोजाना 1000 पैकेट भोजन (15000 पैकेट) उपलब्ध कराते हुए मदद की है। मुंबई के आईटीसी ग्रांड सेंट्रल ने एमजी हॉस्पिटल में डॉक्टरों के लिए भोजन पहुंचाने का प्रबंध किया है। मुंबई के कस्तूरबा हॉस्पिटल में भी आईटीसी ग्रांड सेंट्रल की तरफ से भोजन की व्यवस्था की गई है। लखनऊ में फॉर्म्यन होटल रोजाना 1000 पैकेट से ज्यादा भोजन के साथ मदद कर रहा है। अन्य मेट्रो शहरों में भी जरूरत के हिसाब से इस पहल को बढ़ाया जाएगा। आईटीसी का पेपरबोर्ड बिजनेस डिवीजन भद्राचलम में अपनी फैक्टरी के नजदीक प्रवासी कामगारों के लिए रोजाना 1400 से ज्यादा भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहा है। इसके अतिरिक्त, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में आईटीसी की फैक्टरी और पटना में भी आईटीसी की टीम आसपास के क्षेत्रों में रोजाना 3500 से ज्यादा भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रही है।


स्वच्छता से जुड़े उत्पादों का वितरण : भोजन उपलब्ध कराने के अतिरिक्त जयपुर और गोवा में आईटीसी के होटल ने डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए शॉवर कैप उपलब्ध करा कर महत्वपूर्ण योगदान दिया है, साथ ही सैनिटाइजर की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है।


भद्राचलम में आईटीसी के पेपर एंड पेपरबोर्ड डिवीजन ने ट्रक ड्राइवरों को मास्क और ग्लव्स बांटे हैं, साथ ही सिकंदराबाद में जनस्वास्थ्य कर्मियों को सैनिटाइजर दिए हैं। डिवीजन ने भद्राचलम फैक्टरी के आसपास करीब 18 गांवों को भी डिसइंफेक्ट किया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के 16 जिलों में 'वेल बीइंग आउट ऑफ वेस्ट' टीम की मदद से जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाए गए हैं


150 करोड़ रुपये का आईटीसी का कोरोना आकस्मिकता फंड : राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के प्रति प्रतिबद्ध संगठन के तौर पर आईटीसी ने कोरोना वायरस महामारी के कारण पैदा हुए अप्रत्याशित संकट के दौर में लोगों के जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए पिछले कुछ हफ्ते के दौरान कई अन्य पहल को भी अंजाम दिया है। आईटीसी ने महामारी से समाज के सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए 150 करोड़ रुपये का आकस्मिकता फंड भी स्थापित किया है। संकट से निपटने के सरकार के प्रयासों में मदद के लिए आईटीसी ने पीएमकेयर्स फंड में भी 100 करोड़ रुपये देने का एलान किया है।


उपभोक्ताओं तक आवश्यक वस्तुओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है : देशभर में आईटीसी के विभिन्न खाद्य उत्पाद और सैवलॉन के हाइजीन प्रोडक्ट जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आईटीसी की पूरी सप्लाई चेन सभी मुश्किलों को पार करते हुए अथक काम कर रही है, ताकि ग्राहकों को उत्पादों की अनुपलब्धता के कारण किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े। इस सप्लाई चेन में कृषि उत्पाद की खरीद से लेकर प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन तक सब शामिल हैं। आईटीसी कम से कम लोगों की मदद से अपनी आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन और वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकारी प्राधिकारों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है। आईटीसी ने बचाव के सर्वोच्च मानक सुनिश्चित करते हुए इस दिशा में अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है और आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन कर रहे अपने कारखानों में व्यक्तिगत सफाई, स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया है। जिन लोगों को कारखानों में काम करना पड़ रहा है या बाजार में आपूर्ति के काम में शामिल होना पड़ रहा है, उनके लिए भी सैनिटाइजर, प्रोटेक्टिव गियर, मास्क, रेगुलर टेंपरेचर चेक, अलग-अलग वर्क टाइमिंग और 24 घंटे चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता जैसे सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।