कोरोना वायरस ने की पर्यटन उद्योग की हालत खराब, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की राहत देने की गुहार

कोरोना वायरस ने की पर्यटन उद्योग की हालत खराब, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की राहत देने की गुहार


जयपुर / कोरोना वायरस से जहां पूरे विश्व के लोग त्रस्त हैं वहीं यहां के उद्योग धंधे चौपट होने की कगार पर है। सर्वाधित प्रभावित है पर्यटन उद्योगवायरस के भय से न तो भारत से कोई विदेश जा पा रहा है ना ही विदेशी पर्यटक यहां आ रहे हैं। भारत का विदेशी पर्यटन कारोबार जो कि करीब 28 बिलियन अमेरीकन डॉलर से ज्यादा है एवं घरेलू पर्यटन से इस उद्योग को 2 लाख करोड़ रुपए की आय होती है, अब कोरोना के कारण जोखिम में पड़ गई है।


इस बाबत फैडरेशन ऑफ एसोसिएशन्स इन इण्डियन टूरिज्म एण्ड हॉस्पिटलिटी के चेयरमैन श्री नकुल आनन्द ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय पर्यटन मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल को ज्ञापन भेज कर इस संकट से निपटने के लिए करों एवं अन्य व्यय में करीब एक वर्ष तक के लिए राहत प्रदान करने की मांग की हैउन्होंने पत्र में लिखा है कि पर्यटन, विशेष रूप से, हमेशा आपकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रहा है इसलिए इस संकट की घड़ी में यदि इस उद्योग को राहत प्रदान नहीं की गई तो पूरे देश के पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग पर संकट के बादल छा जाएंगे। पूरा उद्योग कार्यशील पंजी के बिना कार्यरत है हालांकि अपने कर्मचारियों के वेतन, ईएमआई, एडवांस टैक्स. पीएफ, ईएसआईसी, जीएसटी, सीमा शुल्क तथा राज्य सरकार के कर, बैंक गारंटी, धरोहर राशि जैसे खर्च निकल पाना मुश्किल हो रहा है, ऐसी स्थिति में इस उद्योग को आपके समर्थन की नितांत आवश्यकता है।


ज्ञापन में मांग की गई है कि हमारी मूल पूंजी की ईएमआईज एवं कर्ज पर ब्याज के भुगतान तथा वित्तीय संस्थानों (बैंक एवं गैर बैंकिंग) से ली गई ऋण राशि पर ब्याज के भुगतान में कम से कम 12 महीने की राहत दी जाए, इसके साथ ही कार्यशील पूंजी सीमा दुगना करने और इसे ब्याजमुक्त एवं जमानत मुक्त करने का भी ज्ञापन में आग्रह किया गया हैइसके अलावा पर्यटन, यात्रा, आतिथ्य और मध्यस्थता उद्योग में सभी नवीकरणों इन्सॉल्वेंसी को रोकने के लिए, ज्ञापन में सभी वैधानिक बकाया के बारह महीनों के लिए मोहलत देने का अनुरोध किया गया है, जिनमें जीएसटी, एडवांस टैक्स भुगतान, पीएफ, ईएसआईसी, केन्द्र सरकार के स्तर पर सीमा शुल्क या किसी भी राज्य सरकार के उत्पाद शुल्क, लेवी, करों, बिजली और पानी के शुल्क, बैंक गारंटी और सुरक्षा जमा शामिल हैं।


इसके अलावा बीमा प्रीमियम में वृद्धि जैसे कि अग्नि बीमा आग से हानि या मुनाफे के लिए विशेष जोखिम दर में अगले 12 महीने तक किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं करने की मांग की गई हैज्ञापन में भारतीय पर्यटन के पुनरुद्धार की तैयारी शुरू करने के लिए बारह महीने की अवधि के लिए पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य उद्योग के लिए पूर्ण जीएसटी कर राहत प्रदान करने का अनुरोध भी किया गया है


ज्ञापन मे यह भी अनुरोध किया गया है कि भारतीय कॉरपोरेट्स को भारत में प्रदर्शनियों, सम्मेलनों और प्रोत्साहन यात्राओं के खर्चों पर बारह महीने के लिए 200 प्रतिशत वेटेज छूट प्रदान करेंइस पहल से इस उद्योग को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगीइस महामारी के परिणामस्वरूप, भारतीय पर्यटन उद्योग अखिल भारतीय स्तर पर समाप्त हो सकता है दिवालिया, व्यवसायों को बन्द करने और बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ सकती है। यह माना जाता है कि 5.5 करोड़ (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) कुल अनुमानित वर्कफोर्स में से लगभग 70 प्रतिशत बेरोजगार ( 3.8 करोड़) हो सकते हैं। नौकरी छूटने और छंटनी का यह प्रभाव पूरे देश में शुरू हो चुका है