भोपाल में संजीवनी क्लिनिक का उद्घाटन किया

मध्यप्रदेश सरकार की इस पहल ने नई खोजों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने की विश फाउंडेशन की सोच को बढ़ावा दिया है



भोपाल, 07 दिसंबर, 2019- सभी तक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने और विशेष रूप से दूर-दराज के इलाकों में रहने वालों, भीड़ भरी बस्तियों और झुग्गी बस्तियों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए जनसंपर्क मंत्री, श्री पी. सी. शर्मा ने भोपाल के प्रियदर्शनी नगर, चार इमली वार्ड 46 में संजीवनी क्लिनिक का उद्घाटन किया।


मध्य प्रदेश के प्रमुख कस्बों और शहरों में कुल 208 संजीवनी क्लीनिक खोलने की योजना है। इनमें से 88 संस्थाये मार्च 2020 तक चालू हो जाएंगे। तेलंगाना के बस्ती दवाखाना और दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों के आधार पर बने ये क्लिनिक अभी तक इस तरह की सेवाओं से दूर रहे शहरी झुग्गियों बस्तियों के लोगों को ओपीडी सेवाएं देने के लिए बनाए गए हैं। जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग नगर निगम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा जिसके बाद निगम के सामुदायिक भवनों में क्लीनिक शुरू किए जाएंगे। पहले चरण में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में क्लीनिक का उद्घाटन किया जाएगा।


इन क्लीनिकों की खासियत यह है कि इनके बेहतर संचालन के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। तकनीकी साझेदार के तौर पर विश फाउंडेशन ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जिससे पंजीकरण, परामर्श, स्कैनिंग और रेफरल जैसी प्रक्रियाओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। विश आंकड़ों को जमा करेगा, सप्लाई चेन, उपकरण, क्लिनिक में इस्तेमाल आने वाली चीज़ों की आपूर्ति को बनाए रखेगा और डॉक्टरों तथा तकनीशियनों को आईटी से जुड़ी खोजों के बारे में प्रशिक्षण देगा।


एक साधारण टैबलेट के इस्तेमाल से रोगियों से जुड़े महत्वपूर्ण और विस्तृत आंकड़े जमा किए जाते हैं, परामर्श दिया जाता है, रोग का निदान किया जाता है और डॉक्टर के पर्चे के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं। इससे न केवल जांच के लिए आने वालों का समय बचेगा बल्कि कर्मचारियों और कागजी कार्रवाई में भी कमी आएगी। आंकड़ों के विश्लेषण से सेवाओं में सुधार और क्षेत्र में स्वास्थ्य के रुझान को समझने में भी मदद मिल सकती है।


क्लिनिक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेंगे। इनमें सामान्य ओपीडी सेवाएं, गर्भवती माताओं के लिए प्रसव पूर्व देखभाल, टीकाकरण, संक्रामक और गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) की स्कैनिंग, वृद्धों से जुड़ी चिकित्सा और बेहतर सुविधाओं के लिए रेफरल सेवाएं मिलेंगी।


यहां एनसीडी विशेष रूप से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मुंह/स्तन और गर्भाशय कैंसर के रोगियों की जांच, परीक्षण और पंजीकरण भी किया जाएगा। क्लिनिक में 68 प्रकार की जांच होंगी ​और लगभग 120 दवाएं मुफ्त दी जाएंगी। मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की देखरेख में चलने वाले इन क्लीनिकों की टीम में चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स / एएनएम, लैब तकनीशियन और कई तरह के काम करने में सक्षम कर्मचारी शामिल होंगे। प्रशिक्षण और बजट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दिया जाएगा। आशा और एएनएम आम लोगों तक सेवाएं पहुंचाने, उन्हें स्वास्थ्य सेवा लेने के लिए क्लिनिक तक आने और समुदाय के भीतर स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ा संदेश पहुंचाने में मदद करेंगे।


मध्यप्रदेश सरकार की इस पहल ने नई खोजों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने की विश फाउंडेशन की सोच को बढ़ावा दिया है, जिससे 2027 तक विकासशील दुनिया के 100 मिलियन लोगों की पहुंच सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाओं तक हो सके।


करुणा, सम्मान, नई खोज, गति और दृढ़ता (सीआरआईएसपी) के मूल्यों पर चलने वाला विश फाउंडेशन प्राथमिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई खोजों को माध्यम बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, सामर्थ्य और गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में काम कर रहा है। इनमें तकनीकी खोज जैसे प्वाइंट ऑफ केयर डिवाइसेज (पीओसीडी), डिजिटल हेल्थ से जुड़ी खोज जैसे इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स (ईएचआर) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सेवाओं से जुड़ी नई खोज जैसे सबूत जुटाने और मानव संसाधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हमारा काम ईकोसिस्टम के स्तर पर नई खोजों को बढ़ावा देगा।


संगठन विभिन्न मॉडलों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देता है, रणनीतिक सलाह देता है और सरकारी एजेंसियों को तकनीकी सहायता प्रदान करता है। ये सभी साथ मिलकर सभी के लिए स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को सच करके दिखाएंगे।